भर्तृहरि : डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला
भर्तृहरि ------ भर्तृहरि लौट-लौट आते हैं अवन्ती में, खड़े होते हैं कल्पलता के नीचे कभी मौन,कभी मुखर। वैराग्य के जंगल ...
भर्तृहरि ------ भर्तृहरि लौट-लौट आते हैं अवन्ती में, खड़े होते हैं कल्पलता के नीचे कभी मौन,कभी मुखर। वैराग्य के जंगल ...
डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला बरसों से भटक रहा हूँ इधर-उधर जीवन बहती नदी की तरह निकल गया बहुत आगे, अब बैठता ...
-- महाकालपूजास्वरललिता कालिदासकविताकोमलता भुवनमलंकुरुते। उज्जयिनी जयते।। -- सान्दीपनिसन्दीपितसंस्कृति-शिक्षापरम्परा प्रतिपलमञ्जुलदीपशिखोज्ज्वलमंगलनाथधरा। देवलोकरुचिरा गगनतले ललिते उज्जयिनी जयते।। -- उदयनवीणावादनपुलकितवदना संकुचिता वासवदत्ता चकिताऽऽकुलिता सुप्तेवालिखिता। ...
अस्ति सकलत्रिभुवनललामभूता,प्रसवभूमिरिव कृतयुगस्यात्मनिवासोचिता भगवता महाकालाभिधानेन भुवनत्रयसर्गस्थितिसंहारकारिणाप्रमथनाथेनेववापरेव••••विजितामरलोकद्युतिरवन्तीषूज्जयिनी नाम नगरी। उपन्यासकार बाणभट्ट ,620 ईस्वी की कृति कादम्बरी में उल्लेखित उज्जयिनीवर्णन पर आधृत ...