विक्रमार्कस्य आस्थाने नवरत्नानि धन्वन्तरिः क्षपणको मरसिंह शंकू वेताळभट्ट घट कर्पर कालिदासाः। ख्यातो वराह मिहिरो नृपते स्सभायां रत्नानि वै वररुचि र्नव...
Read moreउज्जयिनी के परम प्रतापी राजा हुए थे विक्रमादित्य। विक्रमादित्य के पिता महाराज गंधर्वसेन थे और उनकी दो पत्नियां थीं। एक...
Read moreआईये आज जानते है नागा साधुओं और नागा सम्प्रदाय के बारे में - सभी साधुओं में नागा साधुओं को सबसे...
Read moreउज्जैन में चक्रतीर्थ और गढ़कालिका का स्थान तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है। आईये देखे क्या है ये अघोर पंथ और...
Read more22 अप्रैल 2016 - (शुक्रवार) पर्व स्नान 01 मई 2016 - (रविवार) पंचेशानी यात्रा का प्रारम्भ 03 मई 2016 -...
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