एक लम्बे वक्फे के बाद आपको लिए चलते है ‘फायर & आईस’, वैसे तो लगातार उज्जैन आने वाले और यहाँ रहने वाले ‘सिद्ध चटोरों’ के लिए ये जगह किसी ‘सिद्ध पीठ’ से काम नहीं है, पर वो लोग जो अपने काम काज के चक्कर में अपने शहर से दूर हो गए है उन सभी को इस नए अड्डे से रू – बरू करवाया जाय, बस यही सोच के साथ हम जा पहुंचे ‘फायर & आईस’ ।
ये है शरद जी ! एक बेहद सौम्य मुस्कान के साथ इन से मिलते ही ‘दिल’ बाग़ – २ हो जाता है और आपके ‘पेट’ को बाग़ -२ इनके ‘ठीये’ का माल कर देता है । पोहा , जलेबी , इमरती, समोसे, कचोरी ? सब कुछ खालिस मालवा के स्वाद में
ये है शरद जी ! एक बेहद सौम्य मुस्कान के साथ इन से मिलते ही ‘दिल’ बाग़ – २ हो जाता है और आपके ‘पेट’ को बाग़ -२ इनके ‘ठीये’ का माल कर देता है । पोहा , जलेबी , इमरती, समोसे, कचोरी ? सब कुछ खालिस मालवा के स्वाद में | अब जरा इन तस्वीरों में नोश फरमाईये पोहे, , जलेबी , इमरती, समोसे, कचोरी –




















