Q. देहदान क्यों आवश्यक है?
A. समाज को कुशल चिकित्सक देने हेतु उसको मानव शरीर रचना का पूरा ज्ञान होना आवश्यक है। जो मृत शरीर पर परीक्षण द्वारा ही संभव है। इस हेतु देहदान (मृत्यु उपरान्त संपूर्ण शरीर का दान) अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
Q. देहदान कौन-कौन कर सकता है?
A. देहदान प्राकृतिक मृत्यु के उपरांत किसी भी धर्म या जाति के वयस्क सदस्य द्वारा किया जा सकता है।
Q. देहदान का संकल्प कब किया जा सकता है?
A. देहदान का संकल्प 18 वर्ष के उपरांत कभी भी किया जा सकता है।
Q. देहदान हेतु संकल्प पत्र भरने की आवश्यक अर्हताएं?
A. देहदान हेतु संकल्प पत्र भरने के लिए निम्नलिखित अर्हताएं आवश्यक हैं।
– स्वयं का संकल्प।
– संकल्पकर्ता की 2 फोटो।
– स्वयं की फोटो-पहचान पत्र की छायाप्रति।
– स्थायी निवास से संबंधित प्रमाण-पत्र की छायाप्रति।
– दो गवाहों की सहमति, जो संकल्पकर्ता के निकटतम परिजन हों।
– गवाहों के फोटो, फोटो पहचान-पत्र एवं स्थायी निवास संबंधित प्रमाण-पत्र की छायाप्रति।
Q. देहदान हेतु संकल्प पत्र कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
A. देहदान हेतु संकल्प पत्र चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर रचना विभाग, एनाटॉमी विभाग एवं गैर शासकीय संगठन एनजीओ दधीचि संस्था एवं मुस्कान ग्रुप से प्राप्त किया जा सकता है। संकल्प पत्र वेब साइट http://donatelifeindia.org पर है।
Q. क्या आकस्मिक प्राकृतिक मृत्यु उपरांत देहदान किया जा सकता है?
A. हां, चिकित्सा महाविद्यालय से संपर्क कर क्यू फार्म भरकर देहदान किया जा सकता है।
Q. क्या नेत्र एवं त्वचा दान के उपरांत भी देहदान किया जा सकता है?
A. हां, नेत्र एवं त्वचा दान के उपरांत भी देहदान किया जा सकता है।
Q. मृत्यु उपरांत कितने समय के अन्दर देहदान किया जा सकता है?
A. मृत्यु के उपरांत देह का दान अधिकतम 15 घंटे के अन्दर किया जा सकता है। अगर किसी कारणवश विलम्ब होता है तो मृत देह को बर्फ में सुरक्षित रखें, जिससे मृत देह खराब न हो। यही प्रक्रिया अधिक गर्मी में भी अपनाएं जिससे मृत देह परीक्षण हेतु सुरक्षित रहे।
Q. देहदान के समय कौन-कौन से दस्तावेज होना अनिवार्य है?
A. देहदान के समय निम्नलिखित दस्तावेजों का होना अनिवार्य है।
– पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी किया हुआ मृत्यु प्रमाण पत्र।
– जिसका देहदान किया जा रहा है उसका एवं उसके निकटतम परिजनों का फोटो।
-जिसका देहदान किया जा रहा है उसका एवं उसके निकटतम परिजनों का फोटो पहचान पत्र एवं स्थायी निवास संबंधी प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
Q. किसका देहदान स्वीकार नहीं है?
A. निम्नलिखित कारणों से देह दान स्वीकार नहीं है।
– तपेदिक (टी.बी.) से संक्रमित मृत्यु।
– कैंसर से संक्रमित मृत्यु।
– एच.आई.वी. (एड्स) से संक्रमित मृत्यु।
– हेपेटाइटिस से संक्रमित मृत्यु हेपेटाईटिस बी. एवं सी.।
– गंभीर संक्रमण से संक्रमित मृत्यु।
– एमएलसी केस।
– शव विच्छेदन पोस्टमार्टम उपरांत एवं अंग दान यकृत, लिवर, गुर्दा, किडनी आदि उपरान्त शव परीरक्षण संभव नहीं हो पाता है।
Q. देहदान प्रमाण-पत्र कब दिया जाता है?
A. देहदान प्रमाण-पत्र देहदान दिनांक के उपरांत दो दिन बाद कार्यालयीन समय पर शरीर रचना विभाग के कार्यालय से निकटतम परिजन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
Q. शव परीक्षण के उपरान्त उसका क्या उपयोग है ?
A. शरीर के समस्त भागों की रचना का अध्ययन चिकित्सा छात्रों के किए जाने के उपरान्त म्यूजियम स्पेसिमेन तैयार किए जाते हैं, जिससे इनका उपयोग भविष्य में भी अध्ययन हेतु किया जा सके। अस्थियां भी अध्ययन हेतु उपयोग में की जाती हंै।
Q. क्या एक बार शव परिरक्षण के उपरान्त कोई अंग जीवित व्यक्ति के काम आ सकता है ?
A. नहीं एक बार शव परिरक्षण होने के पश्चात कोई भी अंग जीवित व्यक्ति के काम नहीं आ सकता हैं ।