हवा में डोलती अनियंत्रित डोर थामने वालों को आसमान की ऊंचाइयों तक ले जाने वाली पतंग अपने हजारों वर्षों से अधिक पुराने इतिहास में अनेक मान्यताओं, अंधविश्वासों और अनूठे प्रयोगों का आधार भी रही है। अपने पंखों पर विजय और वर्चस्व की आशाओं का बोझ लेकर उड़ती पतंग ने अपने अलग-अलग रूपों में दुनिया को न केवल एक रोमांचक खेल का माध्यम दिया, बल्कि एक शौक के रूप में यह विश्व की विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों में रच-बस गई। उज्जैन में भी पतंग को लेकर एक जूनून तारी हुआ करता था जो आज धीरे धीरे लुप्त होता जा रहा है या यूं कहें की लुप्त हो चुका है Ashish Johari का यह लघु चलचित्र ‘फ्लाइंग ड्रीम्स’ उसी दौर का एक दस्तावेज है |
आनद लीजिये और लौट चलिए आपने बचपन में ..