• Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
    • Home – Layout 4
    • Home – Layout 5
Saturday, December 6, 2025
31 °c
Ujjain
27 ° Sat
27 ° Sun
27 ° Mon
26 ° Tue
  • Setup menu at Appearance » Menus and assign menu to Main Navigation
  • Setup menu at Appearance » Menus and assign menu to Main Navigation
No Result
View All Result
  • Setup menu at Appearance » Menus and assign menu to Main Navigation
No Result
View All Result
Ujjain
No Result
View All Result
Home विशेष साहित्य
मुण्डन

मुण्डन

by Admin
August 10, 2017
in साहित्य, हिंदी व्यंग्य
0
0
SHARES
78
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
किसी देश की संसद में एक दिन बड़ी हलचल मची। हलचल का कारण कोई राजनीतिक समस्या नहीं थी, बल्कि यह था कि एक मंत्री का अचानक मुण्डन हो गया था। कल तक उनके सिर पर लंबे घुंघराले बाल थे, मगर रात में उनका अचानक मुण्डन हो गया था।

सदस्यों में कानाफूसी हो रही थी कि इन्हें क्या हो गया है। अटकलें लगने लगीं। किसी ने कहा, ”शायद सिर में जूं हो गई हों।” दूसरे ने कहा, ”शायद दिमाग में विचार भरने के लिए बालों का परदा अलग कर दिया हो।” किसी ने कहा, ”शायद इनके परिवार में किसी की मौत हो गई।” पर वे पहले की तरह प्रसन्न लग रहे थे।
आखिर एक सदस्य ने पूछा, ”अध्यक्ष महोदय! क्या मैं जान सकता हूं कि माननीय मंत्री महोदय के परिवार में क्या किसी की मृत्यु हो गई है?”
मंत्री ने जवाब दिया, ”नहीं।”
सदस्यों ने अटकल लगाई कि कहीं उन लोगों ने ही तो मंत्री का मुण्डन नहीं कर दिया, जिनके खिलाफ वे बिल पेश करने का इरादा कर रहे थे।
एक सदस्य ने पूछा, ”अध्यक्ष महोदय! क्या माननीय मंत्री को मालूम है कि उनका मुण्डन हो गया है? यदि हां तो क्या वे बताएंगे कि उनका मुण्डन किसने कर दिया है?”
मंत्री ने संजीदगी से जवाब दिया, ”मैं नहीं कह सकता कि मेरा मुण्डन हुआ है या नहीं!”
कई सदस्य चिल्लाये, ”हुआ है! सबको दिख रहा है।”
मंत्री ने कहा, ”सबको दिखने से कुछ नहीं होता। सरकार को दिखना चाहिए। सरकार इस बात की जांच करेगी कि मेरा मुण्डन हुआ है या नहीं।”    
एक सदस्य ने कहा, ”इसकी जांच अभी हो सकती है। मंत्री महोदय अपना हाथ सिर पर फेरकर देख लें।”
मंत्री ने जवाब दिया, ”मैं अपना हाथ सिर पर फेरकर हरगिज नहीं देखूंगा। सरकार इस मामले में जल्दबाजी नहीं करती। मगर मैं वायदा करता हूं कि मेरी सरकार इस बात की विस्तृत जांच करवाकर सारे तथ्य सदन के सामने पेश करेगी।”
सदस्य चिल्लाये, ”इसकी जांच की क्या जरूरत है? सिर आपका है और हाथ भी आपके हैं। अपने ही हाथ को अपने सिर पर फेरने में मंत्री महोदय को क्या आपत्ति है?”
मंत्री बोले, ”मैं सदस्यों से सहमत हूं कि सिर मेरा है और हाथ भी मेरे हैं। मगर हमारे हाथ परम्पराओं और नीतियों से बंधे हैं। मैं अपने सिर पर हाथ फेरने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं। सराकर की एक नियमित कार्य-प्रणाली होती है। विरोधी सदस्यों के दबाव में आकर में उस प्रणाली को भंग नहीं कर सकता। मैं सदन में इस संबंध में एक वक्तव्य दूंगा।”
शाम को मंत्री महोदय ने सदन में वक्तव्य दिया-
”अध्यक्ष महोदय! सदन में यह प्रश्न उठाया गया कि मेरा मुण्डन हुआ है या नहीं? यदि हुआ है, तो किसने किया है? ये प्रश्न बहुत जटिल हैं। और इस पर सरकार जल्दबाजी में निर्णय नहीं ले सकती। मैं नहीं कह सकता कि मेरा मुण्डन हुआ है या नहीं। जब तक पूरी जांच न हो जाए, सरकार इस संबंध में कुछ नहीं कह सकती। हमारी सरकार तीन व्यक्तियों की एक जांच समिति नियुक्त करती है, जो इस बात की जांच करेगी। जांच समिति की रिपोर्ट मैं सदन में पेश करूंगा।”
सदस्यों ने कहा, ”यह मामला कुतुबमीनार का नहीं जो सदियों जांच के लिए खड़ी रहेगी। यह आपके बालों का मामला है, जो बढ़ते और कटते रहते हैं। इसका निर्णय तुरंत होना चाहिए।”
मंत्री ने जवाब दिया, ”कुतुबमीनार से हमारे बालों की तुलना करके उनका अपमान का अधिकार सदस्यों को नहीं है। जहां तक मूल समस्या का संबंध है, सरकार जांच के पहले कुछ नहीं कह सकती।”
जांच समिति सालों जांच करती रही। इधर मंत्री के सिर पर बाल बढ़ते रहे।
एक दिन मंत्री ने जांच समिति की रिपोर्ट सदन के सामने रख दी।
जांच समिति का निर्णय था कि मंत्री का मुण्डन नहीं हुआ।
सत्ताधारी दल के सदस्यों ने इसका स्वागत हर्षध्वनि से किया।
सदन के दूसरे भाग से ‘शर्म-शर्म’ की आवाजें उठीं। एतराज उठे- ”यह एकदम झूठ है। मंत्री का मुण्डन हुआ था।”
मंत्री मुसकराते हुए उठे और बोले, ”यह आपका खयाल हो सकता है। मगर प्रमाण तो चाहिए। आज भी अगर आप प्रमाण दे दें तो मैं आपकी बात मान लेता हूं।”
ऐसा कहकर उन्होंने अपने घुंघराले बालों पर हाथ फेरा और सदन दूसरे मसले को सुलझाने में व्यस्त हो गया।

Tags: हरिशंकर परसाई
Admin

Admin

Related Posts

संस्कृतिमवन्ती अवन्तिका :  डॉ. पवन व्यास

संस्कृतिमवन्ती अवन्तिका : डॉ. पवन व्यास

by Admin
December 19, 2017
0
135

हमारी उज्जयिनी प्राचीन काल से ही शिक्षा का महत्त्वपूर्ण केन्द्र रही है । मुझे ऐसा लगता है कि ’गुरुभूमि’ के...

वराहमिहिर : डाॅ. मुरलीधर चाँदनीवाला

वराहमिहिर : डाॅ. मुरलीधर चाँदनीवाला

by Admin
December 18, 2017
0
70

वराहमिहिर तुम पहले व्यक्ति हो वराहमिहिर! जो अवन्तिका से निकले तो फैल गये अखंड भारत में, उज्जयिनी में नहीं होकर...

कहाँ जाऊँ, दिल्ली या उज्जैन ? – निरंजन श्रोत्रिय

कहाँ जाऊँ, दिल्ली या उज्जैन ? – निरंजन श्रोत्रिय

by Admin
December 17, 2017
0
162

कहाँ जाऊँ, दिल्ली या उज्जैन ? मेरा सिर गरम है इसीलिये भरम है सपनों में चलता है आलोचन विचारों के...

भर्तृहरि : डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला

भर्तृहरि : डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला

by Admin
December 14, 2017
0
74

भर्तृहरि ------ भर्तृहरि लौट-लौट आते हैं अवन्ती में, खड़े होते हैं कल्पलता के नीचे कभी मौन,कभी मुखर। वैराग्य के जंगल...

हे उज्जयिनी! तू बुला ले अपने पास।

हे उज्जयिनी! तू बुला ले अपने पास।

by Admin
December 7, 2017
0
266

  डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला   बरसों से भटक रहा हूँ इधर-उधर जीवन बहती नदी की तरह निकल गया बहुत आगे, अब बैठता...

उज्जयिनी जयते : आचार्य श्रीनिवास रथ

उज्जयिनी जयते : आचार्य श्रीनिवास रथ

by Admin
December 5, 2017
0
51

-- महाकालपूजास्वरललिता कालिदासकविताकोमलता भुवनमलंकुरुते। उज्जयिनी जयते।। -- सान्दीपनिसन्दीपितसंस्कृति-शिक्षापरम्परा प्रतिपलमञ्जुलदीपशिखोज्ज्वलमंगलनाथधरा। देवलोकरुचिरा गगनतले ललिते उज्जयिनी जयते।। -- उदयनवीणावादनपुलकितवदना संकुचिता वासवदत्ता चकिताऽऽकुलिता सुप्तेवालिखिता।...

Next Post
जाने वो कौन सा देस जहाँ तुम चले गए ..

जाने वो कौन सा देस जहाँ तुम चले गए ..

Recommended

गेबी हनुमान

गेबी हनुमान

10 years ago
16

उज्जैन : जैव विविधता : नौलखी इको टूरिज्म पार्क

8 years ago
78

Popular News

    Connect with us

    • मुखपृष्ठ
    • इतिहास
    • दर्शनीय स्थल
    • शहर की हस्तियाँ
    • विशेष
    • जरा हट के
    • खान पान
    • फेसबुक ग्रुप – उज्जैन वाले
    Call us: +1 234 JEG THEME

    सर्वाधिकार सुरक्षित © 2019. प्रकाशित सामग्री को अन्यत्र उपयोग करने से पहले अनिवार्य स्वीकृति प्राप्त कर लेवे.

    No Result
    View All Result
    • मुखपृष्ठ
    • इतिहास
    • दर्शनीय स्थल
    • शहर की हस्तियाँ
    • विशेष
    • जरा हट के
    • खान पान
    • फेसबुक ग्रुप – उज्जैन वाले
      • आगंतुकों का लेखा जोखा

    सर्वाधिकार सुरक्षित © 2019. प्रकाशित सामग्री को अन्यत्र उपयोग करने से पहले अनिवार्य स्वीकृति प्राप्त कर लेवे.

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Fill the forms bellow to register

    All fields are required. Log In

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In
    This website uses cookies. By continuing to use this website you are giving consent to cookies being used. Visit our Privacy and Cookie Policy.