मुकेश जी उज्जैन के चुनिन्दा मौलिक व्यंग्यकरों में से एक है, जो अपने व्यंग्य लेखो से ना सिर्फ गुदगुदाते है वरन आपको सोचने पर मजबूर कर देते है | ‘चुटकुलेबाज़’ व्यंग्यकरों की भीड़ से परे मुकेश जी अपनी एक अलग पहचान रखते है | आगामी दिनों में आप उनका एक स्थायी स्तंभ यहाँ पढ़ पायें, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा !
अगस्त्य संहिता का विद्युत्-शास्त्र
सामान्यतः हम मानते हैं की विद्युत बैटरी का आविष्कार बेंजामिन फ़्रेंकलिन ने किया था, किन्तु आपको यह जानकार सुखद आश्चर्य...