मील के पत्थर

जिन्दगी एक सफ़र है सुहाना और इस सुहाने सफ़र के साथी है मील के पत्थर, पर आपने कभी सोचा है कि यह पत्थर अलग-अलग रंगों में क्यों दिखाई देता है ? इनके बदलते रंगों के पीछे भी वजह है। अलग-अलग रंगों में रंगे पत्थरों का मतलब अलग-अलग होता है।आइए आपको बताते हैं इन रंगों का मतलब।

सफेद-पीला रंग का पत्थर

 

जब किलोमीटर बताने वाले पत्थर का रंग सफेद और पीला हो तो समझ जाइए कि आप नेशनल हाईवे पर हैं। इन दो रंगों का इस्तेमाल सिर्फ नेशनल हाईवे वाले सड़क के किनारे लगे पत्थरों पर ही होता है।

 

 

सफेद-हरा रंग का पत्थर-

 

जब आपको सड़क किनारे सफेद और हरे रंग का पत्थर दिखाई दे तो समझ जाइए कि आप स्टेट हाईवे पर सफर कर रहे हैं। ऐसे में अगर ये सड़क खराब है तो आप इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं।

 

सफेद-नीला-काला रंग का पत्थर-

 

जब आप दूर के सफर पर निकले हैं और आपको रास्ते में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। इस दौरान अगर आपको सफेद-नीले-काले रंग का पत्थर दिखाई दे तो आप समझ जाइए कि किसी बड़े शहर के पास है। ये सड़क उस जिले के अधीन है।

 

 

नारंगी-सफेद रंग का पत्थर-

अगर इन दोनों रंगों का पत्थर दिखाई दे तो समझ जाइए कि ये सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी है। इस तरह का रंग जब आप किसी मील के पत्थर पर देखें तो समझ जाइये कि आप गाँव की तरफ बढ़ रहे हैं।

 

 

तो अगली बार जब आप सफ़र पर निकलें तो मील के पत्थरों को गौर से देखिएगा

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