पेशवाई : तब और अब : 3

Peshwai-4

यह एक तुलनात्मक चित्रलेख माला है,  जिसका उद्देश्य सिर्फ यह दर्शाना है कि कैसे ६०-६५  वर्षों में मूल्यों, भावनाओ और जरूरतों में बदलाव आया है| श्वेत-श्याम चित्र इलाहाबाद , कुम्भ मेला १९५३ की तस्वीरें है जो एकअंग्रेज James Burke ने खीचीं थी और जिन्हें Wikimedia Commons से लिया गया है| रंगीन चित्र सिंहस्थ २०१६ के है जिन्हें विभिन्न स्त्रोत्तों से लिया गया है |

 

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