अब ये ठंड और गराडू में दुश्मनी कब शुरु हुई ये तो नहीं पता, पर ठंड में गराडू और जलेबी खाने का मज़ा ही कुछ और है ! तो आज हम, आप चटोरों को ले कर चलते है एक नए चाट-मंदिर पर जहाँ आप पूरी सर्दियाँ , माथा टेकने जा सकते है । कंठाल चौराहे से जो रोड सीधी गोपाल मंदिर को जाती है , बस वही सड़क पकड़ कर निकल पड़ें, जैसे ही सराफा शुरू होता है ‘भगत जी’ की मिठाई की दुकान के पास मिलन होजियरी के ठीक सामने आप इन भेरू जी के ओटला के दर्शन कर सकतें है । ‘बड़नगर वालों’ के नाम से प्रसिद्ध, ये गराडू और जलेबी एक्सपर्ट अपनी छोटी सी दुकान जो माल परोसतें हैं , आप अपनी उँगलियाँ चाटने पर मजबूर हो जायंगे । भीड़ भरी सड़क के बीचो बीच बने बेतरबीब पार्किंग में गाड़ी (चौपहिया वाहन ले जाने की गुस्ताखी ना करें) खडी कर उँगलियाँ चाटते हुए पुरानी अख़बारों पर परोसे गराडू और जलेबियाँ चटकाने का आनंद लेना ना भूलें इस रविवार । तब तक चित्रों में स्वाद का आनंद लेवें !
अगस्त्य संहिता का विद्युत्-शास्त्र
सामान्यतः हम मानते हैं की विद्युत बैटरी का आविष्कार बेंजामिन फ़्रेंकलिन ने किया था, किन्तु आपको यह जानकार सुखद आश्चर्य...