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सआदत हसन मंटो |
दो दोस्तों ने मिलकर दस-बीस लड़कियों में से एक चुनी और बयालीस रुपये देकर उसे ख़रीद लिया.
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सआदत हसन मंटो |
दो दोस्तों ने मिलकर दस-बीस लड़कियों में से एक चुनी और बयालीस रुपये देकर उसे ख़रीद लिया.
हमारी उज्जयिनी प्राचीन काल से ही शिक्षा का महत्त्वपूर्ण केन्द्र रही है । मुझे ऐसा लगता है कि ’गुरुभूमि’ के...
वराहमिहिर तुम पहले व्यक्ति हो वराहमिहिर! जो अवन्तिका से निकले तो फैल गये अखंड भारत में, उज्जयिनी में नहीं होकर...
कहाँ जाऊँ, दिल्ली या उज्जैन ? मेरा सिर गरम है इसीलिये भरम है सपनों में चलता है आलोचन विचारों के...
भर्तृहरि ------ भर्तृहरि लौट-लौट आते हैं अवन्ती में, खड़े होते हैं कल्पलता के नीचे कभी मौन,कभी मुखर। वैराग्य के जंगल...
डाॅ.मुरलीधर चाँदनीवाला बरसों से भटक रहा हूँ इधर-उधर जीवन बहती नदी की तरह निकल गया बहुत आगे, अब बैठता...
-- महाकालपूजास्वरललिता कालिदासकविताकोमलता भुवनमलंकुरुते। उज्जयिनी जयते।। -- सान्दीपनिसन्दीपितसंस्कृति-शिक्षापरम्परा प्रतिपलमञ्जुलदीपशिखोज्ज्वलमंगलनाथधरा। देवलोकरुचिरा गगनतले ललिते उज्जयिनी जयते।। -- उदयनवीणावादनपुलकितवदना संकुचिता वासवदत्ता चकिताऽऽकुलिता सुप्तेवालिखिता।...