खान नदी के किनारे

शायद हम कभी अपने शहर को ऐसे नहीं देख पायें जैसे सुनील देखता है और ना सिर्फ देखता है उन तस्वीरों को कैद कर हमें अपने शहर के नए चेहरे से रू-ब-रू करवाता है .. ऐसी ही एक तस्वीर सुनील के जादू के डब्बे से

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