दोस्तों ! जैसे जैसे हमारे ‘उज्जैन वाले’ ग्रुप में सदस्यों की संख्या बढती जा रही है, ग्रुप में महिला सदस्यों की संख्या में भी लगातार वृध्दि हो रही है|
लेकिन पिछले दिनों मुझे कुछ महिला सदस्यों नें बताया की उनके द्वारा विभिन्न पोस्ट को लाइक करने अथवा उनके द्वारा पोस्ट किये जाने के तुरंत बाद उनके मैसेंजर पर अवांछनीय मैसेज आने लगे, फलत: उन्हें ऐसे लोगों को ब्लॉक करना पड़ा | किसी -२ मामले में तो यह संख्या ५०-६० मैसेज प्रतिदिन की दर से घटी, फलत: उन महिला सदस्यों की सहभागिता लगातार कम होती गई | लेकिन शायद उन ‘शोहदों’ को यह नहीं पता है कि भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत यह एक गंभीर अपराध है|
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों, ई-मेल, चैट वगैरह के जरिए बच्चों या महिलाओं को तंग करना अथवा डिजिटल जरिए से किसी को अश्लील या धमकाने वाले संदेश भेजना या किसी भी रूप में परेशान करना साइबर क्राइम के दायरे में आता है। इसके लिए आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए) के तहत तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकती है
इसके अलवा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 और धारा 509 के बारे में, इन धाराओं में एक महिला के खिलाफ अनैतिक व अनुचित व्यवहार के लिए दंड का प्रावधान है, जोकि सीधे-सीधे एक महिला के नैतिक अपमान से जुड़ा हुआ मामला है | आईपीसी की धारा-509 (महिला का शील भंग करने की कोशिश) के प्रावधान के तहत एक वर्ष तक की सजा व जुर्माना हो सकता है|
दोस्तों ! मुझे विश्वास है की हम ‘उज्जैनवाले’ किस महिला की शान में ऐसी गुस्ताख़ी नहीं करेंगे ना होने देंगे | साथ ही मेरा ग्रुप की सभी महिला सदस्यों से निवेदन है कि ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट अगर पुलिस में नहीं कर पायें तो कम से मुझे अथवा अन्य एडमिन्स को इनबॉक्स मैसेज में जरुर बतायें, ताकि हम ऐसे सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा पायें |
निम्नलिखित FAQ आपके मन में उठते अन्य सवालों का जवाब देंगे –
Q1. फेसबुक पर बहुत से पेज ऐसे हैं जिनपर सभी धर्मों और उनके देवी-देवताओं पर अशोभनीय कमेंट किए गए हैं, उन्हें कैसे रोका जा सकता है.
A1. भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कोई भी व्यक्ति किसी धर्म के बारे में आहत करने वाली टिप्पणी नहीं कर सकता. ये कानून दंगों को ध्यान में रखते हुए बना था. ऐसी टिप्पणियों के लिए उपाय ये है कि ऐसे कमेंट्स के आने पर पुलिस को जानकारी दी जानी चाहिए. ऐसे कई मामले हैं जहां लोग पुलिस के पास गए हैं और शिकायत दर्ज की गई है. फेसबुक पर भी ‘रिपोर्ट अब्यूज़’ पर जाकर रिपोर्ट किया जा सकता है. लेकिन मामला अत्यंत गंभीर हो तो पुलिस के पास जाना चाहिए.
Q2. अगर किसी की प्रोफाइल पर ना लिखा हो तो उसकी लोकेशन कैसे जानें?
A2. प्रोफाइल लोकेशन का पता लगाने के लिए आपको भाषा पर ध्यान देना होता है कि कोई प्रोफाइल किस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहा हैं. चूंकि फेसबुक में आईपी एड्रेस नहीं खोजा जा सकता इसलिए वकील की मदद लेनी होगी. कोर्ट में केस फेसबुक के ख़िलाफ दायर होता है जो उन्हें मज़बूर करता है कि प्रोफाइल की असली लोकेशन बताई जाए.
Q3. अगर कोई साइबर बुलिंग करे, तो क्या करना चाहिए?
A3. साइबर बुलिंग से निपटने के दो तरह के विकल्प हैं. कानून की मदद से और निजी स्तर पर. 1. अगर किसी फोरम पर कोई आपको तंग कर रहा है तो उस फोरम से निकल जाइए. 2. अगर फिर भी आपको तंग किया जाए तो फेसबुक को रिपोर्ट करें हालांकि फेसबुक इस पर कोई एक्शन नहीं लेता. 3. अगर धमकी मिले तो इस पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए. 4. अगर पुलिस एक्शन न ले तो सीधे वकील के ज़रिए केस दायर किया जा सकता है.
Q4. महिलाओं के साथ अगर बुलिंग हो तो वो कानून में किन धाराओं का सहारा ले सकती हैं.
A4. पहला तो सेक्शन 509 कहता है कि शब्द या गतिविधि या संकेत अगर महिलाओं की मॉडेस्टी को भंग करता है तो इसके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है. ये बुलिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्दों पर भी लागू होता है. क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल अपराध है. सेक्शन 66 ए का क्लाज़ बी बुलिंग के लिए ठीक बैठता है. ये कानून इंटरनेट से जुड़े क़ानूनों का हिस्सा है. इनमें तीन साल तक की सज़ा होती है. कई बार पुलिस को इन कानूनों के बारे में पता नहीं होता है. ऐसे में प्रिंटआउट लेकर जाएं और उन्हें दिखाएं.
Q5. कई बार साइबर प्रोपेगैंडा के मक़सद से किसी इंसान के प्रति गलत अफवाहों को फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर फैलाया जाता है. ऐसे मामलों में जब उस संदेश को फेसबुक को “रिपोर्ट एब्यूज़” करके भेजा जाता है तो जवाब आता है कि ” हमारे मापदंडों के आधार पर कुछ भी गलत नहीं पाया गया”. ऐसे मामलों को कैसे निपटा जाए?
A5. फेसबुक ऐसी टिप्पणियों को तवज्जो इसलिए नहीं देता है क्योंकि फेसबुक पर अमरीकी कानून लागू होता है. लेकिन भारतीय कानून के अनुसार ऐसे मामलों में मानहानि का मामला बनता है. सीधे पुलिस में शिकायत होनी चाहिए. इसमें सूचना प्रसारण का कानून भी लग सकता है. ऐसे मामले में दोनों कानून साथ साथ चलेंगे.
Q6. एक लड़का किसी लड़की को गंदे संदेश और गालियां लिखकर भेजता है, इस समस्या से कैसे निपटें?
A6. ये संभवत लड़की को परेशान करने का मामला है. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए. पूजा को अपना फेसबुक डिऐक्टिवेट करना चाहिए लेकिन इसके अलावा ‘प्राइवेसी सेटिंग्स’ में जाकर बदलाव करें ताकि मेसेज भेजने वाले आपको ऐसे संदेश न भेज पाएं. अगर गंदे संदेश भेजने वाला आदमी आपके फ्रेंड लिस्ट में है तो उसे ब्लॉक किया जा सकता है ताकि वो संदेश न भेज पाए.
Q7. फेसबुक पर अगर कोई ज़बरदस्ती दोस्त बनना चाहे, तो उसे ब्लॉक करने के सिवाय और क्या विकल्प हो सकता हैं?
A7. आप उस प्रोफाइल को रिपोर्ट कर सकते हैं लेकिन ब्लॉक कर देने पर वो आपको देख नहीं पाएगा तो फिर वो आपको दोस्त बनाने की कोई कोशिश कर ही नहीं पाएगा. फेसबुक से शिकायत भी कर सकते हैं कि ये प्रोफाइल आपको परेशान कर सकता है.