आपकी धार्मिक आस्था के बचे हुए अवशेषों पर विचरते ये ‘शूकर’ आपको विचलित कर सकते है । आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि आप अपने घरों जो गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते है, विसर्जन के बाद क्या होता है उनका ? शायद कुछ ही लोग मूर्ति का विसर्जन अपने हाथो से नदी या तालाब में करते होंगे अन्यथा आपके घर में स्थापित गणेश जी, मोहल्ले में होने वाले सामूहिक विसर्जन का हिस्सा बन कर जहाँ पहुंचतें है वहां पहुंचे है सुनील
सुनील ना केवल जीवंत तस्वीरें खीचते है, बल्कि उनकी तस्वीरों में हमेशा से एक ‘एक्स-फैक्टर’ होता है, जो कुछ सोचने पर मजबूर करता है । अपने सामाजिक सरोकार के चलते , इस बार सुनील ने कुछ ऐसी ही विचलित करने वाली तस्वीरें अपने बेहद संजीदा सुझावों के साथ साझा की है हमारे साथ ।
आईये ! पर्यावरण की खातिर इस बार हम ये तय करें की –
- मूर्तियां छोटी और सिर्फ मिटटी की बनी हों, जिसे विसर्जित करने के लिए आप उन्हें अपने घर में ही पानी में गला कर किसी गमले में डाल कर विसर्जित करें
- प्लास्टर ऑफ़ पैरिस की मूर्तियां पानी में गलती नहीं है, कोशिश करें उन्हें नहीं खरीदें, अगर खरीद ली हों तो फिर उसे घर में ही सजा कर रखे ।
- किसी भी तरह की मूर्तियां पानी में विसर्जित ना करें , क्योंकि किसी भी मूर्ति को इस तरह पानी में विसर्जित करने का हमारे ग्रंथों में कोई शास्त्रीय निर्देश नहीं है
- आस्था का एक फूल ही काफी है, इसलिए ढेर सारी पूजा सामग्री एकत्रित कर उसे पानी के किसी भी स्त्रोत में डाल कर उसे प्रदूषित ना करें ।
… इस बार फिर गौर से इन तस्वीरों को देखियेगा और अपने विवेक से निर्णय लीजिये और बताइये की सुनील के सुझाव कितने संजीदा है ?